November 10, 2024
Sonia Gandhi Biography in Hindi | सोनिया गांधी की जीवनी

Sonia Gandhi Biography in Hindi | सोनिया गांधी की जीवनी

भारत की वर्तमान राजनीति में कांग्रेस की पथ प्रदर्शक श्रीमती सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) (सोनिया मायनों) का जन्म 9 दिसम्बर 1946 को इटली के लुसियाना नगर में हुआ था | इनके पिता स्टीफनो तथा माता पाओलो प्रेदोवन एक मध्यम परिवार के थे | सोनिया (Sonia Gandhi) उनकी तीन बेटियों में से बीच की सन्तान है | सोनिया की प्रांरभिक शिक्षा उनके ही नगर के एक कान्वेंट स्कूल में हुयी थी | वह पढने में कुशाग्र बुद्धि वाली थी परन्तु स्वभाव से जिद्दी और अडियल थी | जो एक बार सोच लेती थी उसे पूरा करके ही दम लेती थी और उसे पूरा करने के लिए कुछ भी कर सकती थी | 17 वर्ष की आयु में वे उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैंड आयी और कैम्ब्रिज कॉलेज मर प्रवेश लिया |

इंग्लैंड में कैम्ब्रिज के पास एक सस्ता यूनानी रेस्तरां में अधिकतर छात्र छात्राए जमा रहते थे | उधर इंजीनियरिंग की शिक्षा के लिए भारत से राजीव गांधी भी वहा पर पहुच जाया करते थे | वे दोनों अपने दोस्तों के साथ इसी रेस्तरां में आया करते थे | उन दोनों के प्यार के किस्से अखबार में छपने लगे | दोनों चर्चित हो गये | सोनिया (Sonia Gandhi) ने यह बात अपने माता-पिता को बता दी | इधर राजीव ने भी अपनी माँ को अपने प्यार की बात बता दी | दोनों परिवारों ने अपनी स्वीकृति दे दी और उन दोनों का विवाह हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार दिल्ली में हुआ | इस अवसर पर हरिवंशराय बच्चन ने कन्यादान किया | दोनों हंसी खुशी रहने लगे |

सोनिया गांधी एक नजर में 

पूरा नाम  सोनिया गांधी
असली नाम  सोनिया मायनों
कार्यक्षेत्र  राजनीति
राजनितिक दल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
राजनीतिक सफर 1997 में कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता ली
1998 में कांग्रेस अध्यक्ष बनी
1999 में अमेठी से लोकसभा चुनाव जीती
1999 में विपक्ष की नेता चुनी गयी
2004 में रायबरेली से लोकसभा चुनाव जीती
16 मई 2004 को 15 पार्टियों के संघठन UPA की अध्यक्ष बनी
2009 में तीसरी बार रायबरेली से लोकसभा चुनाव जीती
2014 में चौथी बार रायबरेली से लोकसभा चुनाव जीती

निजी जीवन

जन्म तारीख 09 दिसम्बर 1946
जन्म स्थान लुसियाना , इटली
राष्ट्रीयता  भारतीय
निवास स्थान  10 ,जनपथ . दिल्ली
शिक्षा  पूर्ण जानकारी नही
पिता का नाम  स्टेफनो मायनों
माता का नाम पाओलो मायनों
भाई नही है
बहन अनुष्का (बड़ी बहन) , नादिया (छोटी बहन)
धर्म हिन्दू
हॉबी भ्रमण करना , पढना , खाना बनाना , योग
मुख्य विवाद बोफोर्स घोटाले में शामिल होना
मनमोहन सिंह सरकार में सुपर पी.एम. की भूमिका निभाना
अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में शामिल अहमद पटेल का साथ देना
दामाद रोबर्ट वाड्रा का नाम घोटालो में शामिल होना
2016 में नेशनल हेराल्ड केस में पेशी
पसंदीदा भोजन आइसक्रीम , सलाद
पसंदीदा राजनेता राजीव गांधी
वैवाहिक स्थिति विधवा
पति राजीव गांधी , पूर्व प्रधानमंत्री
पुत्र  राहुल गांधी (कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष)
पुत्री प्रियंका गांधी (राजनेता)

राजीवं गांधी एयर इंडिया में विमान चालक की नौकरी करते थे तथा सोनिया गांधी अपनी सास श्रीमती इंदिरा गांधी के साथ रहने लगी | समय का चक्र चलता रहा | इसी बीच सोनिया गांधी ने अपने को पुरी तरह भारतीय परिवेश तथा परिधानों में ढाल लिया | भारतीय व्यंजन बनाना भी सीख लिया | इंदिरा गांधी भी उनकी भारतीयकरण को देखकर प्रभावित रहती थी | इसी बीच सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने पुत्र राहुल गांधी और पुत्री प्रियंका गांधी को जन्म दिया | अब सोनिया पूरा जीवन राजीव ,बच्चे तथ सास की सामूहिक धुरी पर घुमने लगा | पूरा परिवार सुखी था | एक दुसरे में प्यार था |

अचानक 1981 में संजय गांधी की हवाई दुर्घटना में मृत्यु ने सब कुछ बदल दिया | इंदिरा जी को गहरा आघात लगा | वे अपने को बेसहारा समझने लगी | राजीवं ने इस खाली जगह को अपनी उपस्थिति से भरा | राजीवं ने कांग्रेस की सदस्यता ली तथा 1983 में उन्हें कांग्रेस का महासचिव बना दिया गया | 1983 में ही सोनिया गांधी ने भारत की नागरिकता स्वीकार कर ली लेकिन 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या हो गयी | इस घटना ने राजीव तथा सोनिया को तोड़ दिया | राजीवं गांधी ने इस दुखद घड़ी में देश का नेतृत्व सम्भाला | परन्तु सोनिया (Sonia Gandhi )राजनीति से दूर रहना चाहती थी | धीरे धीरे राजीवं गांधी एक लोकप्रिय नेता बन गये तथा देश-विदेश में उनकी लोकप्रियता बढने लगी | इसी बीच 1991 में राजीवं गांधी की भी हत्या कर दी गयी | शोक संतप्त परिवार को सभी ने सांत्वना दी तथा सोनिया गांधी को कांग्रेस की अध्यक्षता के लिए मनाने लगे लेकिन वे नही मानी |

इधर कांग्रेस की नाव डूबने लगी तब 1998 में 52 वर्षीय सोनिया गांधी ने सक्रिय राजनीति में उतरने का मानस बनाया तथा 113 वर्ष पुरानी कांग्रेस में नवजीवन का संचार किया | कांग्रेस की अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष की नेता के रूप में वे सक्रिय हो गयी | उनके आलोचकों ने उन पर विदेशी मूल का मुद्दा तथा अन्य आरोपों की बौछार आरम्भ कर दी | वह हिंदी बोल नही सकती फिर भी वह अपना भाषण रोमन लिपि में लिखवाकर पढती थी | अत: लोगो ने उन्हें लीडर के बजाय रीडर कहना आरम्भ कर दिया | “वह राजनीति के खेल में अनाडी है | उनको मार्गदर्शन चाहिए | वह विदेशी मूल की महिला है | सर्वोच्च पद के लिए बिलकुल उपयुक्त नही है | उन्हें प्रधनमंत्री अथवा राष्ट्रपति का पद ग्रहण करनने का मौलिक अधिकार नही है | ” इन आपत्तियों को चुनावी मुद्दा बनाया गया | देशव्यापी आन्दोलन चला | कुछ वरिष्ट कांग्रेस नेताओं ने कांग्रेस छोड़ दी परन्तु समय चक्र चलता रहा | रूठे नेता मानने लगे और कालान्तर में शरद पंवार जैसे नेता पार्टी में वापस लौट आये |

तथापि विदेशी मूल का मुद्दा हावी रहा | श्रीमती सुषमा स्वराज तथा उमा भारती ने उनके प्रधनमंत्री बनने पर कड़ा एतराज जाहिर किया | 10 मई 2004 के एग्जिट पोल के अनुसार कांग्रेस का पलड़ा भारी पड़ा तथा कांग्रेस की सरकार बनने की सम्भावना बढ़ गयी | तब सोनिया (Sonia Gandhi) ने प्रधानमंत्री मुद्दे पर अपने परिवार से विचार-विमर्श किया तथा पार्टी एवं सहयोगी दलों से विचार विमर्श किया | सभी ने सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री स्वीकार कर लिया परन्तु 13-15 मई 2004 तक बैठके होती रही | 16 मई 2004 को राष्ट्रपति से सरकार बनने का निमन्त्रण सोनिया गांधी को मिला | 17 मई 2004 को सोनिया ने सभी दलों के साथ बैठक की तथा यह बता दिया कि वे प्रधानमंत्री नही बनेगी उनके साथ पर डा.मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बनेगे | सभी लोग उनके निर्णय से स्तब्ध रह गये | एक सिख को प्रधानमंत्री बनाकर 1984 के सिख विरोधी दंगो के फलस्वरूप सिख समुदाय के प्रति प्रायश्चित अथवा भरपाई करने की पहली की थी |

इस प्रकार सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने प्रधानमंत्री के पद को त्यागकर अपनी त्याग भावना का परिचय दिया | अमेरिका के प्रतिष्टित पत्रिका फ़ोर्ब्स के अगस्त के अंक के अनुसार 59 वर्षीय सोनिया गांधी विश्व की तीसरी सबसे शक्तिशाली महिला उद्घोषित हुयी | यह गौरव श्रीमती इंदिरा गांधी को भी प्राप्त नही हुआ | यद्यपि वे भारत जैसे देश की प्रधानमंत्री थी | अभी तो सोनिया गांधी रुपया पौधा अंकुरित हुआ है अभी न जाने कितने कीर्तिमान प्रतीक्षा कर रहे है |

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