April 23, 2024
Steve Jobs Biography in Hindi | स्टीव जॉब्स की जीवनी

Steve Jobs Biography in Hindi | स्टीव जॉब्स की जीवनी

Steve Jobs Biography in Hindi | स्टीव जॉब्स की जीवनी

स्टीव जॉब्स (Steve Jobs) का जन्म 24 फरवरी 1955 को सेन फ्रांसिस्को में हुआ था | उनका पूरा नाम स्टीवन पॉल जॉब्स था | उनके माता-पिता यूनिवर्सिटी के अविवाहित छात्र-छात्रा थे | माँ जोआन शिबल थी और सीरियाई मूल के पिता नाम अब्दुल फतह जन्दाली था | उनके माँ-बाप ने बेटे को एक कैलिफोर्नियाई युगल पॉल और क्लोरा जॉब्स को गोद दे दिया | उन्हें गोद देने के कुछ ही महीनों बाद स्टीव के असली माँ-बाप ने शादी कर ली और उनकी एक बेटी मोना भी हुयी | मगर मोना को अपने भाई के जन्म के बारे  में तब तक पता नही चला जब तक वह वयस्क नही हुयी | स्टीव सिलिकन वैली में जॉब्स दम्पति के यहाँ पले बढ़े |

स्टीव (Steve Jobs) ज्ञान की तलाश में एक बार भारत आये थे | उनका मकसद नीम करोली बाबा से मिलने का था लेकिन जब वह भारत पहुचे तब तक बाबा की मृत्यु हो चुकी थी | इसके बावजूद स्टीव की आगे की जिन्दगी के लिहाज से भारत यात्रा अहम साबित हुयी | स्टीव इस बात को खुद मानते थे कि भारत यात्रा के दौरान उन्हें इस बात का एहसास हुआ कि थॉमस एडिसन ने दुनिया को बेहतर बनाने में उतना योगदान किया जितना कार्ल मार्क्स और नीम करोली बाबा मिलकर भी नही कर पाते | इस एहसास के साथ जब स्टीव जॉब्स भारत से लौटे तो सारी सुविधाए छोडकर उस दिशा में बढ़े जो उनकी खास दिशा थी |

स्टीव (Steve Jobs) ने अपने दोस्त वोजनैक के साथ मिलकर 21 साल की उम्र में ही एप्पल नाम की कम्पनी बना दी | लास आल्टोस में 1300 डॉलर की रकम से स्टीव के गैराज से इस कम्पनी की शुरुवात हुयी | वोजनैक ने एप्पल-1 कंप्यूटर डिजाईन किया | तब स्टीव ने अपने साथियो को प्रेरित किया कि इस कंप्यूटर को उत्पाद के तौर पर बाजार में पेश किया जाए | एप्पल-1 कंप्यूटर को सफल उत्पाद बनाने के लिए तकनीक और डिजाईन का जिम्मा वोजनैक के पास था जबकि मार्केटिंग का जिम्मा स्टीव के पास |

इसके बाद क्यूपरटिनो में एप्पल का छोटा सा ऑफिस खोला गया | स्टीव के नेतृत्व में एप्पल ने दुनिया के सामने प्रोद्योगिकी के मामले में दस बेहतरीन उत्पाद पेश किये | इनमे आईमैक , मकिन्तोश , एप्पल-2 , आई-फोन , आईपोड और आईपेड ने पुरी दुनिया में धूम मचा दी | सन 1985 में स्टीव को अपनी ही कम्पनी से बाहर निकाल दिया गया | उन्होंने हार नही मानी और नई कम्पनिया बनाई पिक्सर और नेक्स्ट | पिक्सार की एनीमेशन फिल्मे हिट हो रही थी | नेक्स्ट फ्लॉप हो गयी और किस्मत के खेल के दुसरे राउंड में एप्पल ने सन 1996 में नेक्स्ट को खरीद लिया |

इस तरह स्टीव (Steve Jobs) की एप्पल में वापसी हो गयी | अपने इन संघर्ष के दिनों  में स्टीव ने जो कुछ सीखा उसके बूते पर उन्होंने एप्पल को पुरी तरह बदल डाला | एप्पल के आईमैक कम्पुटरो ने लोगो को दीवाना बना दिया | हालांकि स्टीव ने खुद कभी कोई कंप्यूटर डिजाईन नही किया लेकिन उनकी वजह से ही एप्पल के उत्पादों को सबसे अलग माना जाता रहा | ख़ास बात यह थी कि स्टीव (Steve Jobs) ने इंजीनियरिंग की कोई पढाई नही की थी लेकिन 300 से ज्यादा अमेरिकी पेटेंट उनके नाम पर अकेले या किसी के साथ है |

स्टीव (Steve Jobs) ने गैराज से दुनिया की सबसे सफल कम्पनियों में से एक 350 अरब डॉलर की एप्पल नामक कम्पनी खडी की | उनकी टेक्नोलॉजी ने पर्सनल कंप्यूटिंग , म्यूजिक और मोबाईल फोन की दुनिया ही बदल डाली | हालांकि स्टीव का काम करने का तरीका ऐसा था कि उनके साथ कई बार काम करना मुश्किल हो जाता , मगर लोगो के बीच कौन सा उपकरण लोकप्रिय होगा इसकी समझ ने एप्पल को दुनिया का लोकप्रिय ब्रांड बना दिया | उनका देहांत 5 अक्टूबर 1911 को हो गया |

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