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Shah Jahan Biography in Hindi | मुगल बादशाह शाहजहाँ की जीवनी

Shah Jahan Biography in Hindi | मुगल बादशाह शाहजहाँ की जीवनी

Shah Jahan Biography in Hindi | मुगल बादशाह शाहजहाँ की जीवनी

Shah Jahan Biography in Hindi | मुगल बादशाह शाहजहाँ की जीवनी

शाहजहाँ (Shah Jahan) का जन्म लाहौर में 05 जनवरी 1592 ई. को मारवाड़ के मोटा राजा उदयसिंह की पुत्री जगत गोसाई के गर्भ से हुआ था | अक्टूबर 1627 ई. में जहांगीर की मृत्यु के समय वह दक्षिण में था इसलिए उसके श्वसुर आसफ खा और राज्य के दीवान ख्वाजा अबुल हसन ने के कुटनीतिक चाल के तहत खुसरो के लडके “द्वार बख्श” को सिंहासन पर बिठाया | शाहजहाँ (Shah Jahan) ने अपने सभी भाइयो एवं सिंहासन के सभी प्रतिद्वन्दियो तथा अंत में दवार बख्स को समाप्त कर 24 फरवरी 1628 ई. को आगरे के सिंहासन पर बैठा |

समकालीन इतिहासकारो ने “दवार बख्स” को उचित ही बलि का बकरा कहा है | शाहजहाँ (Shah Jahan) का विवाह 1612 ई. में आसफ खा की पुत्री अर्जुमन्द बानू बेगम से हुआ था जो बाद में इतिहास में मुमताज महल के नाम से विख्यात हुयी | शाहजहाँ के मुमताज महल से उत्पन्न संतानों में से केवल 4 पुत्र एवं 3 पुत्रियाँ ही जीवित बचे थे जिनके नाम थे जहांआरा , दाराशिकोह , रोशन आरा , औरंगजेब , मुराद बख्स और गौहन आरा |

शहजहां (Shah Jahan) के अंतिम आठ वर्ष आगरा के किले के शाहबुर्ज में एम् बंदी की तरह व्यतीत हुए | इस समय में उसकी बड़ी पुत्री जहांआरा ने साथ रहकर उसकी सेवा की थी |शाहजहां की मृत्यु 1666 ई. में हुयी और उसे भी ताजमहल में उसकी पत्नी की कब्र के निकट साधारण नौकरों द्वारा दफना दिया गया |

विद्रोह

शाहजहाँ का साम्राज्य विस्तार

शाहजहाँ की धार्मिक निति

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